Swechchha Tomar
Romance Tragedy
Not able to delete the work, have to edit.
हँसके दिखाओ
पहला प्यार
NA
तो क्या हुआ त...
वो घाव अब भी ...
मैंने कहानी ल...
मौत उधार लाते...
अग़र मैं खुदा ...
देखो मैंने कह...
चलो हम-तुम फिर बैठ के सुबह की चाय एक साथ पीते हैं। चलो हम-तुम फिर बैठ के सुबह की चाय एक साथ पीते हैं।
दिल की अलमारी में मिल गई, अहसासों की पुरानी किताब। दिल की अलमारी में मिल गई, अहसासों की पुरानी किताब।
वो जो खो गया है कहींं, आज भी मेरे साथ चलता है! वो जो खो गया है कहींं, आज भी मेरे साथ चलता है!
गिनना चाहती हूँ तारों को मैं, चाँद पर बैठना चाहती हूँ, थोड़ी देर... गिनना चाहती हूँ तारों को मैं, चाँद पर बैठना चाहती हूँ, थोड़ी देर...
पति को अपना सर्वस्व देनेवाली पत्नी... उसकी भावविभोर और अपने प्रियतम के प्यार का गुणगान करनेवाली यह क... पति को अपना सर्वस्व देनेवाली पत्नी... उसकी भावविभोर और अपने प्रियतम के प्यार का ...
यह नशा ताउम्र न उतरे ! यह नशा ताउम्र न उतरे !
जो तुम्हारा ही नहीं, उसे क्यों अपनी ज़िन्दगी समझते हो। जो तुम्हारा ही नहीं, उसे क्यों अपनी ज़िन्दगी समझते हो।
वो आज भी ख्वाबों में आता है!! जगाकर नींद से, यादों के भँवर में फँसा जाता है वो आज भी ख्वाबों में आता है!! जगाकर नींद से, यादों के भँवर में फँसा जाता ह...
अमलतास सी वफा की छाँव ही छाँव बरसती है। अमलतास सी वफा की छाँव ही छाँव बरसती है।
मैं बन जाती थी आसमान, वो तारा बनकर मुझमें बिखर जाता था... मैं बन जाती थी आसमान, वो तारा बनकर मुझमें बिखर जाता था...
मैं तो अब भी वही हूँ कशमकश भरे कदम रखते हुए, हाथों में मेघदूत पकड़े, भारी पलकों को थामे... मैं तो अब भी वही हूँ कशमकश भरे कदम रखते हुए, हाथों में मेघदूत पकड़े, ...
छुपो तुम लाख ही मुझसे तुम्हें मैं ढूंढ ही लूँगा। छुपो तुम लाख ही मुझसे तुम्हें मैं ढूंढ ही लूँगा।
दौर नहीं रहा वो अब कि ख़ुद को छोड़ आएं किसी की ऑंखों में। दौर नहीं रहा वो अब कि ख़ुद को छोड़ आएं किसी की ऑंखों में।
तेरे गाँव को जाती सड़क है न वहीं कहीं वो आखिरी मुलाकात होगी। तेरे गाँव को जाती सड़क है न वहीं कहीं वो आखिरी मुलाकात होगी।
घटा सावन घनेरी है, .......अँधेरी रात कजरारी चमक बिजुरी कटारी ने, जिया में घात है मारी। विरह की... घटा सावन घनेरी है, .......अँधेरी रात कजरारी चमक बिजुरी कटारी ने, जिया में घात...
उसने कहा आप बड़ा सुंदर लिखते हो,मैं बोला क्या करे? उसने कहा आप बड़ा सुंदर लिखते हो,मैं बोला क्या करे?
इत्मिनान इतना कि स्वप्न में थी मैं और तुम अभी चालीसवें में हो। इत्मिनान इतना कि स्वप्न में थी मैं और तुम अभी चालीसवें में हो।
समझ नहीं पा रही मेरा आँचल छोटा है या तुम्हारे एहसान बड़े क्यूँ समेट नहीं पा रही। समझ नहीं पा रही मेरा आँचल छोटा है या तुम्हारे एहसान बड़े क्यूँ समेट न...
अचानक ही तो मिले थे हम दोनों समय और संस्कारों की यात्रा में। अचानक ही तो मिले थे हम दोनों समय और संस्कारों की यात्रा में।
जाओ घटाओ जाओ जाओ, विरहाग्नि न भड़काओ तुम। जाओ घटाओ जाओ जाओ, विरहाग्नि न भड़काओ तुम।