जब हम कोई कविता पढ़ते हैं
जब हम कोई कविता पढ़ते हैं
जब हम कोई कविता पढ़ते है,गर रुककर उसका चिंतन करते है,
तो झाँक सकते है उस कवि के मन के अंदर तक....
जिसने अपनी कविता में उड़ेल दिए है अपने मन के भाव...
जब हम कोई कविता पढ़ते है,गर रुककर उसका चिंतन करते है,
तो महसूस कर सकते है उस कवि के हर एक श्वास को...
जिसकी हर एक श्वास में बसे है केवल उसके शब्द....
जब हम कोई कविता पढ़ते है,गर रुककर उसका चिंतन करते है,
तो सुन सकते है उस कवि के हृदय के स्पंदन को भी...
जिसके हर स्पंदन से उत्पन्न होते है अक्षर, शब्द, पंक्ति और छंद...
जब हम कोई कविता पढ़ते है,गर रुककर उसका चिंतन करते है,
तो पा सकते है उस कवि के आत्मा की एक झलक...
जो निरंतर बहती रहती है अपने कविता प्रवाह में...
जब हम कोई कविता पढ़ते हैं......
