Love to read and write...
जो निरंतर बहती रहती है अपने कविता प्रवाह में... जब हम कोई कविता पढ़ते हैं...... जो निरंतर बहती रहती है अपने कविता प्रवाह में... जब हम कोई कविता पढ़ते हैं........
इसका हर अंश वास्तविक है, इन सबको अपने दिल में मैं समाएं बैठी हूँ। मैं कौन हूँ ? मैं इसका हर अंश वास्तविक है, इन सबको अपने दिल में मैं समाएं बैठी हूँ। मैं कौन...
उतार लेती हूँ एक बार चेहरे से अपने वो दिखावटी मेकअप। उतार लेती हूँ एक बार चेहरे से अपने वो दिखावटी मेकअप।
रिक्त महसूस करो जब तुम ख़ुद को, तब मेरे साथ गुज़रे पलों को याद करो.. रिक्त महसूस करो जब तुम ख़ुद को, तब मेरे साथ गुज़रे पलों को याद करो..
उस अधूरी कहानी का एक किरदार हूँ मैं...... उस अधूरी कहानी का एक किरदार हूँ मैं......
ऐ मेरे दिल चल वहाँ जाते है......... ऐ मेरे दिल चल वहाँ जाते है.........
मौसम आया, बरसात का आया। मौसम आया, बरसात का आया।