सदियों के इंतज़ार के बाद भी...
सदियों के इंतज़ार के बाद भी...
कुछ तो था हम दोनों के बीच
जो सदियों के इंतज़ार के बाद भी नहीं बदला था...
तुम्हें भुलाते भुलाते सदियाँ गुजर गईं
लेकिन आज भी दिल की गहराईयों में जज़्बात ज़िन्दा है...
एक दिन जब यूँ अचानक तुम मिले
यादों का सैलाब सा उमड़ पड़ा था दिल में...
कितनी अनकही बातों को एक साँस में ही कह दिया था तुमसे
भूल गयी थी के अब कोई इख़्तियार नहीं रहा मेरा तुम पर....
तुम किसी और के हो चुके थे और
मेरा नाता किसी और से जुड़ चुका था...
तुम्हें भूलने में कुछ वक़्त तो ज़रूर लगेगा
लेकिन जानती हूँ,वह कुछ वक़्त मेरी पूरी ज़िंदगी है...
सोच लुँगी तुम मेरे आसमान हो जो हर वक़्त मेरे साथ है
या साया देख लूँगी अपना शायद तुम उसमें नज़र आओ...
कुछ तो था हम दोनों के बीच
जो सदियों के इंतज़ार के बाद भी नहीं बदला था...