मौसम आया, बरसात का आया। मौसम आया, बरसात का आया।
दर पे उनके गए और हम लौट आए मुझको वो ना मिले ,ना उनका दीदार हुआ! दर पे उनके गए और हम लौट आए मुझको वो ना मिले ,ना उनका दीदार हुआ!
ओ निंदिया मेरी निंदिया कहाँ उड़ चली मेरे ख्वाहिशों के रंग पिरो के कहाँ उड़ चली! ओ निंदिया मेरी निंदिया कहाँ उड़ चली मेरे ख्वाहिशों के रंग पिरो के कहाँ उड़...
तुम्हारे बारे में सोचना बहुत अच्छा लगता है। तुम्हारे बारे में सोचना बहुत अच्छा लगता है।
तुम हो तो ज़िन्दगी है, तुम हो तो बंदगी है! तुम हो तो ज़िन्दगी है, तुम हो तो बंदगी है!
समय का न इंतजार कर है कर्म पथिक तू अगर समय का न इंतजार कर है कर्म पथिक तू अगर