स्वीकार
स्वीकार
तुम्हारे बारे में सोचना
बहुत अच्छा लगता है।
तुम्हारे बारे में बोलना
दिल को बहुत भाता है।
अरमान यही दिल में जगे,
तुम्हारी याद में करूँ रतजगे।
सोचती हूँ तुम्हें तो खबर ही ना होगी,
तुम्हारी याद में कोई बना यहाँ प्रेम रोगी।
गए हो तो लौट कर आना
आकर मुझे तुम अपनाना।
कर रही हूँ तुम्हारा इंतजार
करना प्रिय दिल से स्वीकार!