ऐ मेरे दिल चल वहाँ जाते हैं
ऐ मेरे दिल चल वहाँ जाते हैं
बैठी थी एक दिन यूँ ही एकान्त में
दिल से आवाज़ आयी अचानक,
कहाँ हो खोयी, किन ख़यालों में हो डूबी
अपने ही दिल की आवाज़ सुन मैं मुस्कुराई....
दिल से कहा, ऐ मेरे दिल
चल वहाँ जाते है,
जहाँ दिखता हो हर किसी का चेहरा साफ़ साफ़
ना लगे हो किसीके चेहरे पर मुखोटे
ऐ मेरे दिल
चल वहाँ जाते है,
जहाँ ना हो कोई छल कपट और
ना ही हो कुछ पाने की लालसा....
ऐ मेरे दिल
चल वहाँ जाते है,
जहाँ ना हो एक दूसरे को नीचा दिखाने की होड़
हो तो बस हर किसी के दिल में प्रेम और करुणा.....
ऐ मेरे दिल
चल वहाँ जाते है,
जहाँ हो ना किसी का डर
और ना हो किसी मासूम का अनादर......
ऐ मेरे दिल
चल वहाँ जाते है,
जहाँ हो हर पल सुकून का
ना हो कोई परेशानी और ना हो कोई बेबसी.....
ऐ मेरे दिल
चल वहाँ जाते है.........
