STORYMIRROR

S N Sharma

Romance Tragedy Classics

4  

S N Sharma

Romance Tragedy Classics

जब भी ठोकर लगी

जब भी ठोकर लगी

1 min
274

हम जिन्हे प्यार कर जिसके दीवाने हो गए।

वो हमदम और के आशिक सयाने हो गए।


हमें वो मिल न सके इसका गम नहीं हमको।

जिनपे मरते थे वो भी हरजाई बेगाने हो गए।


न प्यार उनको मिला और न ही हमको मिला।

हसरतें दफन किए हुए हमको जमाने हो गए ।


एक नफरत सी है अरसे से मोहब्बत से हमें।

नई मंजिल चुनी उनके नए ठिकाने हो गए।


जब भी ठोकर लगी गिर कर संभालना सीखा।

इस तरह संभले हम भी औरों से सयाने हो गए।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance