Poonam Kaparwan
Drama
कैसा जादू
किया है जादूगर
हो गये हम तो बेखबर।
वो बंसत फिर स...
गुलाबी बहारें
विरहन प्रेयसी
बसंती बहार
प्रकृति का नव...
भँवरा
पीली सरसों
मेरा भारत
संकल्प
और उस टाइम पड़ोसी के फ़ोन पर अपना कब्ज़ा होता था। और उस टाइम पड़ोसी के फ़ोन पर अपना कब्ज़ा होता था।
मानो या न मानो मर्ज़ी तुम्हारी है फायदा तुम्हारा है अगर मान जाओगे। मानो या न मानो मर्ज़ी तुम्हारी है फायदा तुम्हारा है अगर मान जाओगे।
इस दिल की तो सारी हेकड़ी ही निकल गई। इस दिल की तो सारी हेकड़ी ही निकल गई।
चापलूसी व मक्खनबाजी करके, एक दिन ऊँचे रसूखदार बन जाते। चापलूसी व मक्खनबाजी करके, एक दिन ऊँचे रसूखदार बन जाते।
उस दिन मुझे भी उससे, ईर्ष्या हो गई यार। उस दिन मुझे भी उससे, ईर्ष्या हो गई यार।
समझदार, परिपक्व, धीर-गंभीर सुलझी हुई लड़की ! समझदार, परिपक्व, धीर-गंभीर सुलझी हुई लड़की !
अपने स्नेह की थाप से हमें इंसान बनाया, इन सारी मांओं को मेरा नमस्कार, सलाम। अपने स्नेह की थाप से हमें इंसान बनाया, इन सारी मांओं को मेरा नमस्कार, सलाम।
मीठे गाली-ताने लगते हैं जेब फटी या खाली हो। मीठे गाली-ताने लगते हैं जेब फटी या खाली हो।
वक्त हसीन वो अब गुजर गया हमदम सोचते हैं अब क्यों हमारे मिजाज हर पल बदल जाया करते थे। वक्त हसीन वो अब गुजर गया हमदम सोचते हैं अब क्यों हमारे मिजाज हर पल बदल जाया क...
दुखों से न घबराएं हम में हैं ऐसे वीर कितने ? सुखों में न इतराएं कल देखा किसने ? दुखों से न घबराएं हम में हैं ऐसे वीर कितने ? सुखों में न इतराएं कल देखा किसन...
दोस्ती बस बाहर तक दिखावा हैं, परिवार के बीच किसी को लाता नहीं। दोस्ती बस बाहर तक दिखावा हैं, परिवार के बीच किसी को लाता नहीं।
यही छोटे छोटे इत्तफ़ाक़ ही तो जीने का फलसफा सिखलाते हैं। यही छोटे छोटे इत्तफ़ाक़ ही तो जीने का फलसफा सिखलाते हैं।
मेरे मां-बापू आपके भोलेपन की बहुत याद आ रही है मुझे बचपन की। मेरे मां-बापू आपके भोलेपन की बहुत याद आ रही है मुझे बचपन की।
कौन था मानसिक विछिप्त कौन था मानसिक विछिप्त
आस का दीपक जलाकर चल पड़ा हूँ राह में। आस का दीपक जलाकर चल पड़ा हूँ राह में।
सारी खुशियों को एक कोने में धरकर, मैं उस बच्चे के पास जाया करता हूं ! सारी खुशियों को एक कोने में धरकर, मैं उस बच्चे के पास जाया करता हूं !
ख़रीदे है कोई ख़ुशियाँ किसी की कोई करता रिश्तों का व्यापार देखो ख़रीदे है कोई ख़ुशियाँ किसी की कोई करता रिश्तों का व्यापार देखो
गरीब भिखारी होकर भी घर में एकसाथ खाना खाने की इच्छा और एक अमीर शराबी की अवस्था...!!! गरीब भिखारी होकर भी घर में एकसाथ खाना खाने की इच्छा और एक अमीर शराबी की अवस्था.....
देख लूँ एक बार फिर मैं अपने बचपन की दिल्ली। देख लूँ एक बार फिर मैं अपने बचपन की दिल्ली।
पर बन सकूँ तुम्हारी परछाईं यह वादा मैंने खुद से कर रखा है। पर बन सकूँ तुम्हारी परछाईं यह वादा मैंने खुद से कर रखा है।