इश्क़
इश्क़
1 min
300
इश्क़ वो खता है
जो लोग करने से डरते हैं
आज हम वो खता कर बैठे
मस्जिद में जाकर दुआ की थी उनके लिए
आज पता लगा,
कि अल्लाह भी वो दुआ, कबूल कर बैठे
काली रात के बाद एक सुबह आती है
हम उस सुबह की चाय की प्याली में
आपको शामिल कर बैठे
वो आज हमें कहते
क्या इश्क़ का ताबीज़ खरीदा था मेरे लिए
मैने कहा, ऐसा नहीं है जनाब
लगता है आप भी हमें
बेपनाह मोहब्बत कर बैठे!