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Avneet kaur

Romance

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Avneet kaur

Romance

इश्क़

इश्क़

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इश्क़ वो खता है 

जो लोग करने से डरते हैं

आज हम वो खता कर बैठे

मस्जिद में जाकर दुआ की थी उनके लिए

आज पता लगा,

कि अल्लाह भी वो दुआ, कबूल कर बैठे

काली रात के बाद एक सुबह आती है

हम उस सुबह की चाय की प्याली में

आपको शामिल कर बैठे

वो आज हमें कहते

क्या इश्क़ का ताबीज़ खरीदा था मेरे लिए

मैने कहा, ऐसा नहीं है जनाब

लगता है आप भी हमें

बेपनाह मोहब्बत कर बैठे!


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