इश्क़ और वफ़ा
इश्क़ और वफ़ा
तुम सो जाओ खामोशी से,
मैं करता रहूँ इन्तजार तेरा,
तुम खुशियों से भर लो दामन,
चाहे उजड़ा रहे संसार मेरा,
तुम और किसी की हो जाना,
मैं कैसे भूलूँगा प्यार मेरा,
तुम औरों की परवाह करो,
बस आता नहीं ख्याल मेरा,
होंगे तुम पर जवाब बहुत,
पर बाकी है एक सवाल मेरा,
तुम प्यार जताती हो उसको भी,
क्या फिर से तुम तोड़ोगी दिल,
बिल्कुल वैसे ही जैसे चुपके से,
दिल तुमने दिया था उछाल मेरा।