इश्क़ में रिस्क
इश्क़ में रिस्क
अजीब हाल हो रखे हैं आजकल
होंठों पर मुस्कान तो है
पर आँखों में नमी भी।।
सब आसपास तो है
पर बेचैन दिल में
खलती एक कमी भी।।
खुद के साथ हूँ मैं
खुद की खोज हूंँ मैं
साथ चल रहा मेरे आसमां
मीलों फासले में भी पास तो है
पर न जाने क्यूं
दूर लगती अब
कदमों से सटी जमीं भी।।