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Anjana Gupta

Romance

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Anjana Gupta

Romance

इश्क़-ए-इज़हार

इश्क़-ए-इज़हार

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हर रोज़ मैं , तुम्हारा इंतजार यूं ही करती रहूंगी

तुम उम्मीद की एक चिंगारी देना

मैं दीप यूं ही जलाती रहूंगी ।


ये इश्क जो आज हुआ है तुमसे

हर बार ऐसे ही होता रहेगा 

तुम थाम लेना मेरा हाथ

मैं साथ यूं ही चलती रहूंगी ।


ये दिल जो तुम्हारे प्यार में है

इसे अपना बना लो

फिर नफ़रत का मौका नहीं दूँगी,

ये जो वक्त है मेरा

इसे हमारा बना लो

फिर हर वक्त को लम्हा मैं बनाती रहूंगी ।


मेरे मोहब्बत के आशियाने में

तुम कदम यूं ही रखना,

मैं दिल की हर एक जमीं

तेरे नाम करती रहूंगी ,

इस नादान को अपनी थोड़ी फुरसत देना

मैं तन्हाई में तुम्हें कभी रहने नही दूंगी ।


हर रोज़ मैं, तुमसे यूं ही मोहब्बत करती रहूंगी

हर रोज़ मैं, तुमसे यूं ही मोहब्बत करती रहूंगी ।।



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