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Anjana Gupta

Others

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Anjana Gupta

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मुनासिब जज़्बात

मुनासिब जज़्बात

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मुझे आदत है जिंदगी की

हर कश्मकश को सहने की,


खफा सारी मुश्किलों से

लिख रही हूं कहानी एक मुसाफ़िर की,


हकीकत और ख्वाबों के बीच

कट रही है सफर जिंदगी की,


किसे चाहिए साथ अब ज़माने की

मिल गई तजुर्बा अब इस कहानी की,


मुसाफ़िर हूं उलझी सी

मशरूफ है मंजिल सफ़र की,


हसरतो के साथ जीते है लोग ज़माने के

मगर हिम्मत नहीं खुद को इस मे खोने की,


मिली है इजाज़त जीने की

जरा हम भी देखे अंजाम ,यूं ही जीने की,


सिर्फ़ अल्फाजों से महकती है जिंदगी मेरी

वरना वजह कहां अब जीने की...


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