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Anjana Gupta

Inspirational

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Anjana Gupta

Inspirational

एक झलक ज़िन्दगी की....

एक झलक ज़िन्दगी की....

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कहानी मेरी फिर से शुरू हुई है

कुछ वक़्त के बाद ज़िन्दगी की पहिए चली है

वक़्त के पहले इंतज़ार था बेहद

अब उस वक़्त के साथ इस वक़्त की इंतज़ार खत्म हुई है


आंखें भर चूंकी थी आसुओं से 

ख्वाब डूब चुके थे उन आसुओं में

आखिर अब किनारा मिल ही गया मेरे उन ख्वाबों को

और शायद गमों को थोड़ी राहत भी मिली है


कुछ वक़्त भूल गई थी मैं खुदको

अब शायद पहचान फिर बन रही है

गुमनाम हो गए थे ,महफ़िल में नाम मेरे 

अब शायद मशहूर फिर हो रही है


हां, ज़िन्दगी से थोड़ी नाराज़ थी मैं

सुकून वाली रात भी बेचैन थी मैं

अब शायद मेरी फिक्र ज़िन्दगी भी करने लगी

और यूं ही नहीं सा

रे शिकवे भुला कर

वो मुझे गले लगाने लगी है

और यूं ही नहीं सारे शिकवे भुला कर

वो मुझे गले लगाने लगी है


अब तो हौसलों के साथ ढूंढ रही हूं मंज़िल को

उड़ाने भर रही हूं बुलंदियों तक पहुंचने को

सफ़र के आगाज़ में रुकावट हो भी तो 

ये कदम रुकेंगे नहीं

और हम इसके सामने झुकेंगे नहीं

क्यूंकि लड़ाई अब किसी और से नहीं 

खुद की ही किस्मत से है

और किस्मत से हम हारेंगे नहीं


हां माना , ये होसले के पर्वत बादलों से टकराएंगे जरूर,

मगर टूटेंगे नहीं

अंजाम जो भी होगा

देख लिया जाएगा

मगर फिर से हम इस सफ़र में रुकेंगे नहीं

मगर फिर से हम इस सफ़र में रुकेंगे नहीं।


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