मेरी जिंदगी थोड़ी अलग है....
मेरी जिंदगी थोड़ी अलग है....
मेरी जिंदगी थोड़ी अलग है
कभी शांत नदी का किनारा है
तो कभी तूफानों की लहरें सी है
कभी खिलती फूलों सी है
तो कभी पतझड़ की मौसम सी है
कभी पूछती मेरा हाल है
तो कभी मुंह फुलाए बैठती कहीं दूर है
कभी संभालती बीते कल की यादों को है
तो कभी आने वाले कल की करती फ़िक्र है
कुछ खोती है
तो कुछ पाती भी है
कभी सजाती ख्वाब बहुत है
तो कभी गिरकर टूटते इसकी कई सपने भी है
मगर फिर उठती है ख्वाब और ख्वाहिशों के धागे को पकड़ कर
नए हौसले नए उमंग फिर से भर कर
मंजिल को पाने की कोशिशें करती बहुत है
और फिलहाल Slow track से ले कर
fast track तक कर रही एक सफर है
क्योंकि मेरी जिंदगी थोड़ी अलग है।
क्योंकि मेरी जिंदगी थोड़ी अलग है।
