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Lokeshwari Kashyap

Drama Inspirational

4  

Lokeshwari Kashyap

Drama Inspirational

इस करवाचौथ

इस करवाचौथ

2 mins
540



हे माता, करवाचौथ पे सुन्दर थाल यूँ ही सजता रहे l

चंद्रमा की, पिया संग मैं करूँ सदा आरती यूँ ही,

रोली, चंदन संग माता, तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे l

तेरे आशीष का दीपक यूँ ही सदा जलता रहे l


गौरा माता, गणपति संग आती सदा रिद्धि -सिद्धि रहे l

बस तुमसे मेरी यही एक विनती है,

हे गौरा माता, सदा सुहाग मेरा यूँ ही बना रहे l

तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे ll


पैरों में मेरे पायल छन - छन छनकती रहे l

उँगलियों में यूँ ही बिछिया सजती रहे l

माँग मेरी सदा यूँ ही सिंदूर से दमकती रहे l

तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे ll


सुन्दर पैरों में मेरे सुर्ख आलता सजा रहे l

मेरी करधनी संग चाबी का गुच्छा सदा रहे l

यूँ ही मेरे बाजुओं में बाजूबंद हरदम सजा रहे l

तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे ll


मेरे प्रियतम के अधरों पे मुस्कान यूँ ही सदा रहे l

मेरे गले में मोतियों की माला चाहे हो ना हो,

हे माता, मेरे पिया की बाहो का हार सदा रहे l

तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे ll


नयनों में कजरा, बालो में गजरा महकता रहे l

हे माता, देख मेरे होंठों की लाली और मधुर मुस्कान,

मेरे पिया का मन भौंरा सदा गुनगुनाता रहे l

तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे ll


मेरे कानों में झुमका, नाक में नथनी झलकती रहे l

हे करवा माता, दे आज मुझे ऐसा वरदान,

मेरे हाथों में भरी - भरी चूड़ियाँ सदा खनकती रहे l

तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे ll


मेरे हाथों में हरी -भरी मेहंदी का रंग चढ़ता रहे l

सोलह सिंगार कर, करूँ सदा तेरी पूजा माता,

मेरे पिया का साथ, जनम -जनम यूँ ही बना रहे l

तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे ll



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