इस करवाचौथ
इस करवाचौथ
हे माता, करवाचौथ पे सुन्दर थाल यूँ ही सजता रहे l
चंद्रमा की, पिया संग मैं करूँ सदा आरती यूँ ही,
रोली, चंदन संग माता, तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे l
तेरे आशीष का दीपक यूँ ही सदा जलता रहे l
गौरा माता, गणपति संग आती सदा रिद्धि -सिद्धि रहे l
बस तुमसे मेरी यही एक विनती है,
हे गौरा माता, सदा सुहाग मेरा यूँ ही बना रहे l
तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे ll
पैरों में मेरे पायल छन - छन छनकती रहे l
उँगलियों में यूँ ही बिछिया सजती रहे l
माँग मेरी सदा यूँ ही सिंदूर से दमकती रहे l
तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे ll
सुन्दर पैरों में मेरे सुर्ख आलता सजा रहे l
मेरी करधनी संग चाबी का गुच्छा सदा रहे l
यूँ ही मेरे बाजुओं में बाजूबंद हरदम सजा रहे l
तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे ll
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मेरे प्रियतम के अधरों पे मुस्कान यूँ ही सदा रहे l
मेरे गले में मोतियों की माला चाहे हो ना हो,
हे माता, मेरे पिया की बाहो का हार सदा रहे l
तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे ll
नयनों में कजरा, बालो में गजरा महकता रहे l
हे माता, देख मेरे होंठों की लाली और मधुर मुस्कान,
मेरे पिया का मन भौंरा सदा गुनगुनाता रहे l
तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे ll
मेरे कानों में झुमका, नाक में नथनी झलकती रहे l
हे करवा माता, दे आज मुझे ऐसा वरदान,
मेरे हाथों में भरी - भरी चूड़ियाँ सदा खनकती रहे l
तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे ll
मेरे हाथों में हरी -भरी मेहंदी का रंग चढ़ता रहे l
सोलह सिंगार कर, करूँ सदा तेरी पूजा माता,
मेरे पिया का साथ, जनम -जनम यूँ ही बना रहे l
तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे ll