STORYMIRROR

Suresh Sangwan

Romance Inspirational

4  

Suresh Sangwan

Romance Inspirational

इस गली में न उस डगर जाएँ....

इस गली में न उस डगर जाएँ....

1 min
383

इस गली में न उस डगर जाएँ

प्यार की राह पर बिखर जाएँ

 

बेअसर हो गई दवा उनकी 

दे मुझे अब वही ज़हर जाएँ

 

कुछ नया और कुछ पुराना है

आज सारा हिसाब कर जाएँ

 

पा सके जो न प्यार की राहें 

ये बता दो कि वो किधर जाएँ

 

कुछ हमारे उसूल हैं वरना

हम भी उनकी तरह मुकर जाएँ

 

चैन आता नहीं कहीं मुझको 

है जिन्हें राहतें वो घर जाएँ

 

काश के आज इन बहारों के 

रंग दिल में सभी उतर जाएँ

 

छोड़ सारी ख़राब आदत हम 

है तमन्ना के अब सुधर जाएँ। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance