इस दुनिया में
इस दुनिया में
मेरा मन उड़ रहा है,
सपनों की मीठी नींद में,
बेफिक्र होकर।
है कही खुशियाँ,
है कही दुख,
इस दुनिया में।
है कही आजादी,
है कही कैद,
इस दुनिया में।
है कही ठंडक,
है कही तपिश,
इस दुनिया में।
है कही कड़वाहट,
है कही मिठास,
इस दुनिया में।
है कही अपनापन,
है कही बेगानापन,
इस दुनिया में।
सुबह की पहली किरण से
हुआ एहसास,
कि कोई फर्क नहीं
इस दुनिया में,
और उस दुनिया में।
