इंतजार
इंतजार
मैं खामखां ही भटका किया तलाश में तेरे
न तू मंजिल था मेरी,ना ही मेरा राहगुज़र
फासला यूं ही नहीं, कम हुआ करते
ना कभी तू आया इधर,ना मैं गया उधर
हाल पूछा किए तुम्हारा राहगीरों से
कैफियत जान के मेरी,कभी तू भी ले मेरी खबर
अब शिकायतें भी शिकायत करने लगीं
कि उनपे होता नहीं शिकायतों का असर
आ भी जाओ कि साँसो की रवानगी रुक रही
मेरी रुखसत से इंतजार का, खत्म होगा सफर।