इंतजार
इंतजार
उस शाम को बैठे है हम रात के इंतजार में
जो शाम मिला दे हमें हमारे उस यार से
बिछड़े तो नहीं है कभी हम शायद
वो महरूफ है शायद अपने गुलिस्तान में
इंतजार तो हर कोई करता है ना किसी के प्यार में
बस यही कर रहे हैं हम उनके प्यार में
जैसे रात भी तो करती हैं चांद के इस प्यार में
हम भी तो बैठे हैं बस ऊनी के प्यार ए इंतजार में।

