इंतज़ार
इंतज़ार


हमेशा, तन्हा ही रहा, बर्बाद मैं,
सब रहे मुझसे आगे, सबके रहा बाद मैं ।
क्या पाता मैं, कुछ भी तो नही,
मंज़िल तो क्या, राह भी नही ।
क्या है मेरा, जिसे अपना कहूं
मिल नही सकता, उसे मांगता रहूं
पता नही क्यों, दिल बेक़रार है
अभी भी शायद, मुझे ख़ुशियों का इंतज़ार है ।