करें विचार-बनें होशियार
करें विचार-बनें होशियार
वैश्विक कोरोना महामारी की
मौजूदा हालत पर करते हुए विचार।
अठारह से इकतीस मई तक बढ़ाकर,
चौदह दिन के लिए लगाया लाक डाउन चार।
पलायन से उपजे हालातों से-ये लाक डाउन था बड़ा जरूरी,
कुछ एहतियाती कदमों के संग- दी है आर्थिक कार्यों को मंजूरी।
समस्या की पहचान शीघ्र हो-और किया जा सके उचित उपचार,
इस तथ्य का करके गहन चिंतन-राज्यों को दिए अधिक अधिकार।
लाक डाउन चार में -"कंटेनमेंट और बफर"सहित होंगे पांच जोन,
"रेड-ओरैंज-ग्रीन" थे पहले से ही-तय करें राज्य- क्षेत्र कहां है कौन?
भागीदारी निभाएं हम सब योद्धा बनकर- कोई भी
रह नहीं जाए मौन,
कोरोना को भस्म कर जाए-न जाने इस यज्ञ की आहुति कब-कौन?
दया करें चालाक-दुष्ट सब और भड़काने से आएं ये बाज,
सीढ़ी न बनाएं जिंदा लाशों को पाने को सत्ता और ताज़।
चाटुकारों की मीठी को छोड़कर-इन मज़बूरों की सुनें आवाज,
आज वक्त के हाथों ये बेबस हैं- कल तुम पर भी गिरेगी गाज़।
मन ज्यादा सशक्त होता है तन से, पढ़ लेता है वक्त का भी मिजा़ज,
सरकार ने जो है किया नियोजन,सीख समझ लें हम सब मिल आज।
हमारे हक का जो चट करते रहे हैं- निर्बल-निर्धन अब तक हैं मोहताज,
पचासी पैसे खाने वाले बिचौलिए हटा दें, जागृत हो अब सकल समाज।