गुरु गोरखनाथ
गुरु गोरखनाथ
गुरु गोरखनाथ हैं भारतीय महान व्यक्तित्व,
अनुकरणीय है इनका जीवन औ व्यक्तित्व।
इनकी अद्भुत लेखनी ने लिखीं कई उत्कृष्ट पुस्तक,
ग्रन्थ, लेख, कविताकोश और ज्ञानप्रद मुक्तक।
शैव और शाक्त अनुयायी ही गोरखनाथी कहलाये,
ग्यारहवीं शताब्दी में ये मुख्य भूमिका में आये।
इनकी विचारधारा से मुस्लिम भी हुए आकर्षित,
इनकी हठयोग साधना से जन-जन था आनंदित।
इन्होंने लिखी गौरक्ष गीता,गौरक्ष सहस्त्र नाम,
भारत में विख्यात रही इनकी भक्ति निष्काम।
गु
रु गोरखनाथ थे योगियों में सबसे अधिक प्रसिद्ध,
मध्ययुग के धार्मिक नेता,कहलाये पुरुष सिद्ध।
गुरु मत्स्येंद्रनाथ ने इनको दिया था जीवनदान,
उनका यह शिष्य आगे चल कर बना बहुत महान।
समृद्ध किया इन्होंने भारतीय अध्यात्म जीवन,
इनके ज्ञान,कर्म व भक्ति को करते हम नमन।
गोरखनाथ जी से ही राँझे ने योग की दीक्षा ली थी
गुरु गोरखनाथ जी ने अनेक भक्तों को शिक्षा दी थी।
मेवाड़ के बापा रावल को भेंट की थी तलवार,
जिसके बल पर जीत मिली, औ चित्तौड़ राज्य उपहार।