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Aishani Aishani

Romance

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Aishani Aishani

Romance

इंतज़ार क्या होता है..!

इंतज़ार क्या होता है..!

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इंतज़ार क्या होता है

तुम्हें मालूम है...? 

शायद नहीं..!

 मालूम होता तो

मुझसे यूँ ना करावते 

इंतिज़ार...! 

दर्द का तो पता ही होगा

क्या होता है...? 


शायद...

शायद.. 

यह भी नहीं पता

अगर होता तो 

मेरे हिस्से के दर्द को

ख़ुद सह लेते

मुझे यूँ तो ना देते दर्द...! 


चाहत क्या होती है

ये तो पता ही होगा. ..? 

यकीनन...

ये भी नहीं पता है..! 

अगर होता तो 

मेरी जगह तुम होते

मैं नहीं...! 


तन्हाई क्या होती है

जानते ही होगे..? 

नहीं...! 

ये भी नहीं जानते....!

 हाँ.. 

अगर जानते तो 

मुझे यूँ तन्हा नहीं छोड़ते

मेरे साथ तुम भी तो..? 


खैर छोड़ो... 

मैं तुमसे क्यूँ पूछ रही हूँ ये सब. ..? 

तुम्हें इससे क्या. ..? 

तुम्हें अगर पता ही होता तो

मुझे यूँ अकेला करके 

तुम जाते ही क्यूँ....?


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