इम्यूनिटी
इम्यूनिटी
एक अनोखी क्षमता है वो!व्याधियों के, मानव देह में घर करते ही
व्याधि अनुचरों से भिड़ जाये वो!हर मानव को सुंदर-स्वस्थमुस्काती काया दे जाये वो!
फुफ्फुस में जब कभी गर्द पड़ी हो ,
सफाया कर उसका चट् से रेणु कण दूर भगाएं वो!
मानव तन में अध पगली-सी कोशा!जब अपना जाल वृहद हो बिछाए
रक्षक बनकर अनोखी क्षमता हर पल मानव देह में राहत खूब लाए!
किसी वायरस की गर् कोई काली छाया मानव तन में पड़ जाये।
इम्यूनिटी नामक ये शक्ति उस काले साये को दूर भगाएं।।
यहि है वो अनोखी शक्ति जो हर पल रुग्णता से भिड़ने को हो तैयार खड़ी!
रूसी वैज्ञानिक किकोव से जो प्रतिरक्षा नाम ले सबके लिए विशिष्ट बनी!
तन बलिष्ठ और मन चंगा तब सबका हो जाता है
जब उचित नींद खान-पान से तन में प्रतिरक्षा का मान बढ़ जाता है