इबादत
इबादत
ज़िंदगी मेरी इबादत हो गयी।
जो मांगा खुदा से वो हमें मिला।
अब और कुछ ख्वाहिश नहीं।
अब तुम्हारी खुशी में हमारी खुशी।
सपनों का एक प्यारा हमारा महल
दिल में दिले गुलिस्तान हो गया।
प्यार इस वफा का उधार हो गया।
तेरे आने से पायी हमने अपने जीवन में
किस्मत से मिलने वाली हर खुशी
अब और कुछ ख्वाब नहीं हमारे
इसी में हमें अपना ये जीवन जीना है।