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Swapnil Choudhary

Tragedy Inspirational Others

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Swapnil Choudhary

Tragedy Inspirational Others

हवा पानी

हवा पानी

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हवाएँ उड़ उड़ कर घर की दहलीज़ पर आ पहुंची है

मुझे डरा रही है फिर मैं अपने आप बढ़ा

और मैं हवा में उड़ गया उड़ने का डर मुझमें नहीं था

मगर एक शक जरूर था फिर नीचे नहीं आ पाऊंगा !

और ऊपर उड़ने लगा सारा शहर मेरे नीचे था

मैं सचमुच अब हवा का आनंद ले रहा था

मैंने सोचा क्या यही इस संसार की सच्चाई है

जहाँ पानी के बजाय अब हवा होगी

सब साफ साफ नजर आने लगा !!!



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