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Swapnil Choudhary

Abstract Tragedy

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Swapnil Choudhary

Abstract Tragedy

"हम दोनों ना मिलेंगे"

"हम दोनों ना मिलेंगे"

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बहारें ना आएगी, होठों पे फूल ना खिलेंगे

सितारों को मालूम न था, हम दोनो ना मिलेंगे


सितारों को मालूम न था छिटकेगी ना चांदनी,

सजेगा ना साज प्यार का बजेगी ना पैंजनी

बसोगे ना मन में तुम तो मन के तार ना बजेंगे

सितारों को मालूम न था, हम दोनों ना मिलेंगे


नैना ना झुकायेंगे, जिया ना निछावर करेंगे

सितारों को मालूम न था, हम दोनों ना मिलेंगे


कली जैसा कच्चा मन कहीं तोड़ देना

बहारों के आने पे कहीं जोड़ ना देना

बिछड़ने से पहले हम अपनी जान ना देंगे

सितारों को मालूम न था, हम दोनों ना मिलेंगे।


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