STORYMIRROR

हुस्न का शर्माना

हुस्न का शर्माना

1 min
2.2K


निहारते है आईने में वो

खुद को दुनिया के लिए,

पलट कर जनाब ये भी देखते

कि कोई देख तो नहीं रहा ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama