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मंदिर और सौदा

मंदिर और सौदा

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एक पैसा न दे सका,

मन्दिर के बाहर,

बैठे उस भूखे को।


क्योंकि मुझे तो अंदर,

इन पैसों से,

इच्छाओं का,

सौदा करना था।


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