मंदिर मंदिर चढ़ जाने को...। मंदिर मंदिर चढ़ जाने को...।
बड़े अजीब तरह की मूर्खता के धनी है हम... बड़े अजीब तरह की मूर्खता के धनी है हम...
इन पैसों से, इच्छाओं का, सौदा करना था...! इन पैसों से, इच्छाओं का, सौदा करना था...!
कैसे बढ़े ये कदम, तेरी मंदिर की ओर ? कैसे बढ़े ये कदम, तेरी मंदिर की ओर ?