बड़े अजीब तरह की मूर्खता के धनी है हम... बड़े अजीब तरह की मूर्खता के धनी है हम...
वो जो कम अक्ल थे वो सबके चहिते हो गए हम जरा होशमंद थे तो, सबकी आंख में खटक गए। वो जो कम अक्ल थे वो सबके चहिते हो गए हम जरा होशमंद थे तो, सबकी आंख में...
ख्वाहिशें मेरी बस तुमसे होती है तुम ना हो तोह कुछ भी नहीं होती है। ख्वाहिशें मेरी बस तुमसे होती है तुम ना हो तोह कुछ भी नहीं होती है।
तो बिन सोचे उस बशर को मैं माफ करता हूँ । तो बिन सोचे उस बशर को मैं माफ करता हूँ ।