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Upasana Bhan

Abstract Romance Fantasy

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Upasana Bhan

Abstract Romance Fantasy

ख्वाहिशें

ख्वाहिशें

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ख्वाहिशें मेरी

बस तुमसे होती है

तुम ना हो तोह

कुछ भी नहीं होती है

कुछ एहसास बाकी है अभी भी

शिकायतो में भी कुछ आस बाकी है

दिल में दबी दबी रहती है वो अनकही बातें

तुम्हें बताते हैं जब ज़िकर तुम्हारी होती है


ख्वाहिशें मेरी

बस तुमसे होती है

तुम ना हो तोह

कुछ भी नहीं होती है।


आरज़ू है मेरी बस इतनी सी

साथ रहो जिंदगी हो जितनी भी

लफ्जो में ही सही नाम लो हमारा

लकीरों में नहीं हाथों में हो हाथ तुम्हारा


ख्वाहिशें मेरी

बस तुमसे होती है

तुम ना हो तो

कुछ भी नहीं होती है।


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