कोई देख तो नहीं रहा..... कोई देख तो नहीं रहा.....
नहीं तो करूंगी शिकायत तेरी मां को आने दे। नहीं तो करूंगी शिकायत तेरी मां को आने दे।
उड़ेल दे साक़ी मै के सागर सीने मे मगर आफ़ताब बुझाओ बड़ी घुटन है यहां उड़ेल दे साक़ी मै के सागर सीने मे मगर आफ़ताब बुझाओ बड़ी घुटन है यहां
बरस जाते हो तुम मौसमे-इश्क़ में जब-जब होके बेकरार... बरस जाते हो तुम मौसमे-इश्क़ में जब-जब होके बेकरार...
मय से नशीली आँखें तेरी हैं आज साक़ी में मिला दो ना मय से नशीली आँखें तेरी हैं आज साक़ी में मिला दो ना
तुम सौंप दो अपना तन-मन मुझको मैं ग्रह लूँ तुम्हारा समर्पण। तुम सौंप दो अपना तन-मन मुझको मैं ग्रह लूँ तुम्हारा समर्पण।