आज फिर
आज फिर
आज फिर थोड़ी पिला दो ना
गोद में लेकर फिर सुला दो ना
मानते हैं कदम बहकते हैं फिर
थोड़ा ठहरने की तुम दवा दो ना
ख़्वाब मचलते हैं बाद पीने के
तूफ़ान थमने की तुम दुआ दो ना
आईने से नज़र मिला सकें हम
ऐसी खूबसूरत हमें अदा दो ना
मय से नशीली आँखें तेरी हैं
आज साक़ी में मिला दो ना
पहली मुलाक़ात ताज़ा होगी
हया से नज़रें झुका दो ना
आओ खुशबू लिए शहर मेरे
घर-आँगन मेरा महका दो ना