आखिर जिसकी नब्ज़ पकड़ कर चला आखिर जिसकी वजह से इसका वजूद रहा आखिर जिसकी नब्ज़ पकड़ कर चला आखिर जिसकी वजह से इसका वजूद रहा
उड़ेल दे साक़ी मै के सागर सीने मे मगर आफ़ताब बुझाओ बड़ी घुटन है यहां उड़ेल दे साक़ी मै के सागर सीने मे मगर आफ़ताब बुझाओ बड़ी घुटन है यहां