हर्फ नसीबो वाला
हर्फ नसीबो वाला
छू कर गुज़रा कोई,
बगल से
ख़ुशबू हो गया हूं।
सवाल था वो,
इतना प्यारा ।
जवाब हो गया हूं।
सफ़ेद स्याह पन्नों
की लिखावट का,
अफसाना हो गया हूं।
पढ़ते पढ़ते कहानी ,
उसकी
ख़ुद से बेगाना हो गया हूं।
इतराऊं क्यों न नसीब पर अपने,
उस किताब का ,
एक हर्फ हो गया हूं।

