हर पल चाहता है दिल
हर पल चाहता है दिल
हर पल चाहता है मेरा दिल
मेरी कविता मेरा जीवन की
सच्ची तस्वीर बनें
जिसे मैं हर पल देखता रहूं
अहसास करता रहूं
फिर वो एक
सुरीली गीत बन जाए
जिसे मेरा दिल गाता रहे
सबको प्यार करता रहे
चाहता हूं वो कल्पना का
नीला आसमान में
उड़ने की सिवाय
जमीन पर उतर आए
वो मेरे सामने आ जाए
मेरे प्रतिरूप बन के
वो मुझे देखता रहे
मैं उसे एकटक देखता रहूं
आंखों ही आंखों में दोनों
ढेर सारे बातें करते रहें
क्यों कि ये रिश्ता है दिल का
मधुर मधुर एहसास है प्यार का
तो ये दिल जुबान से नहीं
आंखों से ही बोलना चाहता है
फिर हम दोनों मिल कर
एक हो जाएं
यानी मैं उसमें समझाऊं
अपना अस्तित्व खो दूं
मैं मर जाऊं
पर जिंदा रहे मेरी कविता।