हर घर मा तिरंगा
हर घर मा तिरंगा
चलो अमृत उत्सव, स्वतंत्रता को मनावो।
हर घर मा तिरंगा, शान लका फयरावो।।धृ।।
तीन रंग को तिरंगा, व-या केसरी से रंग।
त्याग बलिदान रुप, देखावसे झेंडा संग।।
मर मिट्या बलिदानी, याद उनकी करावो।
हर घर मा तिरंगा, शान लका फयरावो।।१।।
रंग पांढरो बिचमा, चक्र अशोक संग मा।
शांति एकता प्रकाश, मिल गयीसे रंग मा।।
सुख शांति मिलनला, एकजुट होय जावो।
हर घर मा तिरंगा, शान लका फयरावो।।२।।
खाल्या रंग से हिवरो, माय धरती को खास।
येन रंग मा दिससे, मोरो देश को विकास।।
करो प्रगती सप्पाई, खुशहाली बी मनावो।
हर घर मा तिरंगा, शान लका फयरावो।।३।।
रंग चक्र को से निलो, सत्य गुणलं निपुण।
आरी चोवीस देखावं, पुरा मानुस का गुण।।
देशप्रेम हित लका, गंगा ज्ञान की बहावो।
हर घर मा तिरंगा, शान लका फयरावो।।४।।