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Vaishno Khatri

Tragedy

3  

Vaishno Khatri

Tragedy

होस्टल और परिवार

होस्टल और परिवार

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प्यारा परिवार सिमटकर बच्चे और पति पत्नी हो गए।

जिन्होंने किया पालन पोषण वे न जाने कहाँ से कहाँ खो गए।

 

बच्चे रहते हैं होस्टल में दोनों ऐसा कौन-सा फ़र्ज़ निभाते हैं 

ज़िन्दा माँ-बाप अपने सुख की ख़ातिर यतीमों-सी जिंदगी जीते हैं। 

अपनेपन को स्थान मिला नहीं तो आपको अपना कैसे जाने।

पीते तिरस्कार ज़हर, रहते किसी शहर कदर कैसे जाने

संयुक्त परिवार भी थे किस्से-कहानियों में परिवर्तित हो गए।

जिन्होंने किया पालन पोषण न जाने कहाँ से कहाँ वे खो गए।



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