होली
होली
1
हर इक क्षण रंग बासंती , मेरे मन का श्रृंगार हुआ
हुई धानी मैं तू मुझपर , जो सावन की बौछार हुआ
दृगों में तेरे सिमटी तो ,मेरा आनन हुआ अरुणिम
तेरे अनुराग से जीवन ही फाल्गुन का त्यौहार हुआ!
2.
बसी भक्ति में जो, उस शक्ति का एहसास होली है
धवल हो जाये मन के स्याह, ऐसी खास होली है
सजे सजनी सजन के होंठ पर बन कर मधुर बंसी
लगन मन हो मगन, राधा व श्याम का रास होली है!