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Chitra Chellani

Classics

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Chitra Chellani

Classics

फ़र्क़

फ़र्क़

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कोई लम्हा ख़यालों से 

कभी आज़ाद ना किया

 

वक्त की धूल में धुँधला 

कोई एहसास ना किया 


प्रेम में फ़र्क़ तेरे और मेरे

बस रहा इतना ...


मैं कुछ भूली नहीं और 

तूने कुछ भी याद ना किया। 


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