नहीं है
नहीं है
भले ही आँख मेरी नम नहीं है
मेरे गीतों में पर सरगम नहीं है
सुखाना था मगर हमने कुरेदा
कलम है हाथ में मरहम नहीं है
बेवफ़ा वो नहीं यह जानकर बस
दर्द तो है हमें पर ग़म नहीं है
फैसला दूर रहने का भले है
फ़ासले पर मगर हमदम नहीं है
उसकी झूठी मगर मीठी सी बोली
किसी सच्ची दवा से कम नहीं है
हमने हारा है दिल पर उस तरफ़ भी
देख लो जीत का परचम नहीं है
लिखे हैं खत बड़े ही शौक से सब
पता लिखने का किंचित दम नहीं है ।
