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Chitra Chellani

Classics

3  

Chitra Chellani

Classics

आँसू

आँसू

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सोख कर दर्द नस नस का 

स्वयं में ढाल रखा है...


नैन बाँधों से ढुल ढुल कर 

ज़लज़ला टाल रखा है 


ज़माने में भले पहचान हो  

"आँसू " अशक्ति के 


हकीकत में इन अश्कों ने 

हमें सम्भाले रखा है।


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