आज़ादी
आज़ादी
पंख जितने भी पसारे
उड़ान कितनी ही दूर हो
पंछी का पिंजरे में लौट आना भी ज़रूरी है
अंबर की ऊँचाई चाहे कितनी ही नाप ले
ऊँचाई पर बने रहने के लिये
पतंग का डोर से बंधे रहना ज़रूरी है
चाहे जितनी भी विस्तृत हो जायें शाखाएँ
पर फलने के लिये तो पेड़ को
जड़ों से जुड़े रहना ज़रूरी है
देखो, कहीं जीवन का सिक्का खोटा ना हो जाये
"हेड" में अगर आज़ादी है
तो "टेल" में ज़िम्मेदारी भी ज़रूरी है।