हो जाऊं मैं जोगन
हो जाऊं मैं जोगन


अरे कोई बता दे कैसी है, ये बेमौसम बारिश,
मुझे भिगोने को बूंदों ने, सोची कोई साजिश,
भीगे इससे आंचल मेरा, और भीगा है बदन,
भीगा दिल भीगे जज्बात मेरे, भीगा तन मन।
चमके बिजुरी बेदर्दी, कैसे गरजे बदरा घन घन,
भीगे बदन को ना यूं देखो, बढ़ती मेरी धड़कन,
बाजे घुंघरू बाजे पायल, सब बाजे हैं छन छन,
मदहोशी के आलम में, ना सह पाऊं ये तड़पन।
बैरी पिया की याद दिलाये, जलता मेरा बदन,
कोइ बता दे कब कैसे, होगा उनसे मेरा मिलन,
अब तो है कुछ ऐसी जलन, भीगा मेरा जोबन,
पानी भी आग लगाए, बढ़ती जाए प्रेम अगन।
लगने लगी है बेचैनी, होती हर पल झनझन,
भीगी चुनरी अब है मेरी, झांके कोरा जोबन,
ना सुध बुध है कोई, चाहे जो सोचे तोरा मन,
लगे हैं बूंदों के रंग में रंग, हो जाऊं मैं जोगन।