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Yashraj Malvi

Action Inspirational

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Yashraj Malvi

Action Inspirational

हनुमान

हनुमान

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जो विद्या जान के भी अनजाने हैं

जिन्होंने दिवाकर निगलने की ठाने हैं 

जिन्होंने खुद को सेवक व श्री राम को प्रभु जाने हैं 

निरंतर जिनके जीभ में राम का यशगान 

वो हनुमान।


जो वटु के रूप में इष्ट के सामने जाते हैं 

विशालकाय शरीर करके रघुवर को कंधों में बिठाते हैं 

जिनके हृदय में राम जानकी विराजमान 

वो हनुमान।


जो घंटों में जलधि लांघ जाते हैं 

जो सीता सुधि श्री राम को दे आते हैं 

जो रावण की अशोक वाटिका विध्वंस कर जाते हैं 

जो खुद बंध गए परंतु ब्रह्मास्त्र का रखा मान

 वो हनुमान।


कुमौदकी गदा उनकी 

शिव के वह अवतारी हैं 

बल के धनी वे , पुच्छ उनकी विनाशकारी है

असुरों को मारा उन्होंने , दानवों पर उनका भय भारी है 

जिन्होंने लंका वासियों को बताया अग्नि का भान ,

वो हनुमान।


कुछ समय बाद समुद्र लांघ गई सेना पूरी 

बची विजय में थोड़ी दूरी

मारा कई असुरों को उन्होंने 

पकड़ी युद्ध की कमान 

वो हनुमान।


परंतु मेघनाद आया जब लड़ने

पहुंचा समर में राम लखन के प्राण हरने 

छोड़ा नागपाश प्रभु को पराजित करने

 लगा अस्त्र जब सर्प लगे विष उगलने

तब प्रभु के संकट हरने लिया गरुड़ को छान

वो हनुमान।


दूजी बार मेघनाद आया

गरजा मेघ बिगड़ी काया

बरछी फेंकी लखन के तन में

पूरे छल से लगा के माया,

गिरे लखनवर अचेत होकर,

विपदा में आए राम लगी जब ठोकर 

 तब संजीवनी लाकर जिन्होंने बचाई लक्ष्मण की जान ,

वो हनुमान।


अंत में जय ध्वनि कर जीता रावण

जले दीप अवध में आया सुर सावन 

दृश्य हुआ यह पूरा पावन 

आई शांति पहुंचा सुख अति मनभावन

और जो परम भक्त हैं राम प्रभु के

कुछ वर्णन किया उनका मैंने

क्षमता नहीं मुझ में 

कैसे करूं उनका पूरा बखान ?

वो हनुमान।


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