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Yashraj Malvi

Abstract Inspirational

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Yashraj Malvi

Abstract Inspirational

पानी

पानी

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चाहे नल की टप- टप हो,

या गले की गट-गट हो ,

या प्रलय की छठ छठ हो,

यह उसके रूप की कहानी

अमृत है यह पानी ।।


समुद्र में खारा - सा

कुएं में कुछ मधुर,

जात पात ना पूछे वह 

चाहे नर हो या सुर,

नदियों में है साफ-सा

कीचड़ में कुछ काला

ऐसी कुंजी रहता वो

खोले पिपासा का ताला

राजा पीए और रंक पीए 

नौकरानी पीए या रानी 

भेदभाव ना करता वो, 

अमृत है यह पानी ।।


यही है जो रुद्र के शीश से आता है 

यही वह जो पौधों को प्राण पहुंचाता है ,

यही वह जो बादलों से गिरे तो

हरियाली लाता है

और यही वो दिव्य नीर जिससे

तपस्वी कुंभ में नहाता है,

यही वह जिसकी मूल्यता 

जग को बतानी,

अमृत है यह पानी ।।


बड़ी बड़ी नदियों में रहता,

आता है सरोवरों में

घर में आता वह हमारे, 

गृहस्थी उसकी घड़ों में 

निराकार सा रहता वो‌ ,

हर अवस्था में ढलता जाए,

पड़े वही शैवालों में पल पल बढ़ता जाए

यही वह जिसकी बर्तनों से दोस्ती है पुरानी ,

अमृत है यह पानी ।।


यही रक्षक यही भक्षक

यही हमारा प्राण दाता है 

यही हमारा जीवन है

जिससे हमारा नाता है,

यही वह जिसकी कीमत 

हमने ना पहचानी

बचाओ इसे ,

अमृत है यह पानी ।।



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