मां वही
मां वही
संस्कार सिखाने वाली
परिवार बनाने वाली
जीवन को देने वाली
और जिसने पुत्र को रखा फूलों में,
और कांटों में खुद रही
मां वही ।।
प्यार को जताने वाली
गलती पर समझाने वाली
परेशानी सुलझाने वाली
और बिना दक्षिणा के सिखाती जो सब सही ,
मां वही ।।
ऐसा स्नेह मिलता मां से
जो जग में कहीं नहीं
मां वही ।।
